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Venkatesh Stotra in Hindi – श्री वेङ्कटेश स्तोत्र

Sri Venkateswara Stotram - kamalakucha choochuka kunkumatho - Venkatesh StotraPin

Venkatesh Stotra is a hymn dedicated to the worship of Lord Venkateswara or Balaji. Get Sri Venkatesh Stotra Lyrics in Hindi here and chant it with devotion for the grace of Lord Venkateswara of Tirumala. This Stotram is also very popular among the people with its starting verse “kamalakucha choochuka kunkumatho”.

Venkatesh Stotra in Hindi – श्री वेङ्कटेश्वर स्तोत्र 

कमला कुचचूचुक कुङ्कुमतो
नियतारुणितातुलनीलतनो ।
कमलायतलोचन लोकपते
विजयीभव वेङ्कटशैलपते ॥ 1 ॥

सचतुर्मुखषण्मुखपञ्चमुख
प्रमुखाखिलदैवतमौलिमणे ।
शरणागतवत्सल सारनिधे
परिपालय मां वृषशैलपते ॥ 2 ॥

अतिवेलतया तव दुर्विषहै-
-रनुवेलकृतैरपराधशतैः ।
भरितं त्वरितं वृषशैलपते
परया कृपया परिपाहि हरे ॥ 3 ॥

अधिवेङ्कटशैलमुदारमते-
-र्जनताभिमताधिकदानरतात् ।
परदेवतया गदितान्निगमैः
कमलादयितान्न परं कलये ॥ 4 ॥

कलवेणुरवावशगोपवधू-
-शतकोटिवृतात्स्मरकोटिसमात् ।
प्रतिवल्लविकाभिमतात्सुखदात्
वसुदेवसुतान्न परं कलये ॥ 5 ॥

अभिरामगुणाकर दाशरथे
जगदेकधनुर्धर धीरमते ।
रघुनायक राम रमेश विभो
वरदो भव देव दयाजलधे ॥ 6 ॥

अवनीतनया कमनीयकरं
रजनीकरचारुमुखाम्बुरुहम् ।
रजनीचरराजतमोमिहिरं
महनीयमहं रघुराममये ॥ 7 ॥

सुमुखं सुहृदं सुलभं सुखदं
स्वनुजं च सुकायममोघशरम् ।
अपहाय रघूद्वहमन्यमहं
न कथञ्चन कञ्चन जातु भजे ॥ 8 ॥

विना वेङ्कटेशं न नाथो न नाथः
सदा वेङ्कटेशं स्मरामि स्मरामि ।
हरे वेङ्कटेश प्रसीद प्रसीद
प्रियं वेङ्कटेश प्रयच्छ प्रयच्छ ॥ 9 ॥

अहं दूरतस्ते पदाम्भोजयुग्म-
-प्रणामेच्छयाऽऽगत्य सेवां करोमि ।
सकृत्सेवया नित्यसेवाफलं त्वं
प्रयच्छ प्रयच्छ प्रभो वेङ्कटेश ॥ 10 ॥

अज्ञानिना मया दोषानशेषान्विहितान् हरे ।
क्षमस्व त्वं क्षमस्व त्वं शेषशैलशिखामणे ॥ 11 ॥

इति श्री वेङ्कटेश स्तोत्र ।

“Venkatesh Stotra in Hindi – श्री वेङ्कटेश स्तोत्र” पर 1 विचार

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