Jay Adhya Shakti Aarti is a popular devotional song that is sung while performing aarti of Maa Ambe or Durga. Get Jay Adhya Shakti Aarti Lyrics in Hindi Pdf here and sing it for the grace of Maa Adhya or Ambe.
Jay Adhya Shakti Aarti Lyrics in Hindi – जय आद्या शक्ति आरती
जय आद्या शक्ति,
माँ जय आद्या शक्ति,
अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्यां
पडवे प्रगटतया माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
द्वितीय मेहस्वरूप, शिवशक्ति जाणुं,
माँ शिवशक्ति जाणुं,
ब्रह्मा गणपती गावो
हरे गावो हर माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
तृतीया त्रण सरूप त्रिभुवनमां बेठा,
माँ त्रिभुवनमां बेठा,
दय थकी तरवेणी
तमे तरवेणी माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
चोथे चतुरा महालक्ष्मी माँ सचराचरव्याप्या,
माँ सचराचरव्याप्या,
चार भुजा चौ दिशा
प्रगट्या दक्षिणमां
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
पंचमी पंच ऋषी, पंचमी गुण पदमां,
माँ गुण पदमां,
पंच तत्त्व त्यां सोहिये
पंचे तत्वो मा
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
षष्ठी तुं नारायणी महिसासुर मार्यो,
माँ महिसासुर मार्यो,
नरनारीने रुपे
व्याप्या सर्वेमां
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
सप्तमी सप्त पाताल संध्या सावित्री,
माँ संध्या सावित्री,
गौ गंगा गायत्री
गौरी गीता माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
अष्टमी अष्ट भुजा आई आनंदा,
माँ आई आनंदा,
सुनीवर मुनीवर जन्म्या
देवो दैत्यो मां
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
नवमी नवगुण नाग सेवे नवदुर्गा,
माँ सेवे नवदुर्गा,
नवरात्रीना पूजन
शिवरात्रीना पूजन अर्चन कीधा हर ब्रह्मा
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
दसमे दस अवतार जय विजयादशमी,
माँ जय विजयादशमी,
रामे रावण मार्या
रावण रोड्यो माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
एकादशी अगीयारस कात्यायनी कामा,
माँ कात्यायनी कामा,
काम दुर्गा कालिका
श्यामा ने रामा
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
बारशे बाला रूप बहुचरी अम्बा माँ,
माँ बहुचरी अम्बा माँ,
बटुक भैरव सोहिये, काल भैरव सोहिये
तारा छे तुजमां
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
तेरशे तुलजा रूप तू तारुणि माँ,
माँ तू तारुणि माँ,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
गुण तारा गाता
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
चौदशे चौदा रूप चंडी चामुंडा,
माँ चण्डी चामुण्डा,
भावभक्ति कयीं आपो, चतुराई कयीं आपो
सिंहवाहिनी माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
पूनमे कुम्भ भयो सांभल जे करुणा,
माँ सांभलजो करुणा,
वसिष्ठ देवे वखाण्या, मार्तण्ड मुनिये वखाण्या
गाये शुभकविता
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
संवत सोल सतावन सोलशे बावीश मां,
माँ सोलशे बावीस मां,
संवत सोलमां प्रगट्यां
रेवा ने तीरे, माँ गंगाने तीरे
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
अंबावटी नगरी आईं रुपावटी नगरी,
माँ रुपावटी नगरी,
सोल सहस्त्र त्यां सोहिये
क्षमा करो गौरी, माँ दया करो गौरी
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
शिवशक्ति नि आरती जे कोई गाशे,
माँ जे कोई गाशे,
भणे शिवानंद स्वामी, भणे शिवानंद स्वामी,
सुख संपति पाशे
हर कैलाशे जाशे, माँ अम्बा दुख हरशे
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
ए बे एक स्वरुप, अंतर नवधरशो,
अंतर नवधरशो,
भोला भवानी ने भजता,
भोला भवानी ने भजता भवसागर तरसो
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
भाव ना जाणू, भक्ती ना जाणू,
नवं जाणू सेवा, नवं जाणू सेवा,
वल्लभ वट ने राखो, आ बालक ने राखो,
चरणे सुख देवा
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
जय आद्या शक्ति,
माँ जय आद्या शक्ति,
अखंड ब्रह्माण्ड दीपाव्यां
पडवे प्रगटतया माँ
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ||
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बहुत ही सुन्दर तरीके से गुजराती आरती को हिंदी में परिवर्तित किया है ।
और एक
गायत्री शतक पाठ भी अगर हिंदी में भेज देते तो मैं सदा आपका आभारी रहूंगा