Hanuman Vadvanal Stotra was written by Ravana’s brother Vibhishana. In this stotram, Vibhishana praises the power of Hanuman and also prays for protection from all diseases, diseases, enemies, fears, troubles. By chanting Hanuman Badabanala Stotram for forty days with devotion and meditation, one can get rid of all kinds of problems, especially the one’s related to health. All kinds of fever, ghosts and enemies will be eliminated. Impossible can be achieved by chanting this hymn. Get Hanuman Vadvanal Stotra in Hindi Lyrics Pdf here and chant it to to get rid of all ailments and evils, and receive immense benefits.
Hanuman Vadvanal Stotra in Hindi – हनुमान वाडवानल स्तोत्र
ओं अस्य श्री हनुमद्बडबानल स्तोत्र महामन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषिः, श्री बडबानल हनुमान् देवता, मम समस्त रोग प्रशमनार्थं आयुरारोग्य ऐश्वर्याभिवृद्ध्यर्थं समस्त पापक्षयार्थं श्रीसीतारामचन्द्र प्रीत्यर्थं हनुमद्बडबानल स्तोत्र जपमहं करिष्ये ।
ओं ह्रां ह्रीं ओं नमो भगवते श्रीमहाहनुमते प्रकट पराक्रम सकलदिङ्मण्डल यशोवितान धवलीकृत जगत्त्रितय वज्रदेह, रुद्रावतार, लङ्कापुरी दहन, उमा अनलमन्त्र उदधिबन्धन, दशशिरः कृतान्तक, सीताश्वासन, वायुपुत्र, अञ्जनीगर्भसम्भूत, श्रीरामलक्ष्मणानन्दकर, कपिसैन्यप्राकार सुग्रीव साहाय्यकरण, पर्वतोत्पाटन, कुमार ब्रह्मचारिन्, गम्भीरनाद सर्वपापग्रहवारण, सर्वज्वरोच्चाटन, डाकिनी विध्वंसन,
ओं ह्रां ह्रीं ओं नमो भगवते महावीरवीराय, सर्वदुःखनिवारणाय, ग्रहमण्डल भूतमण्डल सर्वपिशाच मण्डलोच्चाटन भूतज्वर एकाहिकज्वर द्व्याहिकज्वर त्र्याहिकज्वर चातुर्थिकज्वर सन्तापज्वर विषमज्वर तापज्वर माहेश्वर वैष्णव ज्वरान् छिन्दि छिन्दि, यक्ष राक्षस भूतप्रेतपिशाचान् उच्चाटय उच्चाटय,
ओं ह्रां ह्रीं ओं नमो भगवते श्रीमहाहनुमते,
ओं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः आं हां हां हां हां औं सौं एहि एहि,
ओं हं ओं हं ओं हं ओं नमो भगवते श्रीमहाहनुमते श्रवणचक्षुर्भूतानां शाकिनी डाकिनी विषम दुष्टानां सर्वविषं हर हर आकाश भुवनं भेदय भेदय छेदय छेदय मारय मारय शोषय शोषय मोहय मोहय ज्वालय ज्वालय प्रहारय प्रहारय सकलमायां भेदय भेदय,
ओं ह्रां ह्रीं ओं नमो भगवते श्रीमहाहनुमते सर्व ग्रहोच्चाटन परबलं क्षोभय क्षोभय सकलबन्धन मोक्षणं कुरु कुरु शिरःशूल गुल्फशूल सर्वशूलान्निर्मूलय निर्मूलय
नाग पाश अनन्त वासुकि तक्षक कर्कोटक कालीयान् यक्ष कुल जलगत बिलगत रात्रिञ्चर दिवाचर सर्वान्निर्विषं कुरु कुरु स्वाहा,
राजभय चोरभय परयन्त्र परमन्त्र परतन्त्र परविद्याच्छेदय छेदय स्वमन्त्र स्वयन्त्र स्वविद्याः प्रकटय प्रकटय सर्वारिष्टान्नाशय नाशय सर्वशतॄन्नाशय नाशय असाध्यं साधय साधय हुं फट् स्वाहा ।
इति श्री विभीषणकृतं हनुमद्बडबानल स्तोत्रम् पूर्ण।
Hanuman Vadvanal Stotra Benefits – हनुमान वडवानल स्तोत्र के लाभ
हनुमान वाडवानल स्तोत्र रावण के भाई विभीषण द्वारा लिखा गया था। हनुमान की शक्ति की प्रशंसा करते हुए, वे सभी बीमारियों, बीमारियों, दुश्मनों, भय, परेशानियों से सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। यह एक बहुत शक्तिशाली स्तोत्र है। भक्ति-ध्यान के साथ चालीस दिन जप से सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्त पा सकता है, विशेषकर स्वास्थ्य की दृष्टि से। सभी प्रकार के बुखार, भूत और शत्रुओं का सफाया हो जाएगा। इस भजन का जाप करने से असंभव को प्राप्त किया जा सकता है।