Rajarajeshwari Ashtakam or Ambashtakam is an eight Stanza stotram composed by Shri Adi Shankaracharya praising Goddess Sri Rajarajeswari Devi, who is the Mother God, and especially worshiped on Vijaya Dasami or the 10th day of Durga Navrathri. Get Sri Rajarajeshwari Ashtakam in Marathi pdf Lyrics here and chant it with devotion for the grace of Goddess Rajarajeshwari Devi.
Rajarajeshwari Ashtakam in Marathi – श्री राजराजेश्वर्यष्टकम्
अम्बा शाम्भवि चन्द्रमौलिरबलाऽपर्णा उमा पार्वती
काली हैमवती शिवा त्रिनयनी कात्यायनी भैरवी ।
सावित्री नवयौवना शुभकरी साम्राज्यलक्ष्मीप्रदा
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ १॥
अम्बा मोहिनी देवता त्रिभुवनी आनन्दसंदायिनी
वाणी पल्लवपाणिवेणुमुरलीगानप्रिया लोलिनी ।
कल्याणी उडुराजबिम्ब वदना धूम्राक्षसंहारिणी
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ २॥
अम्बा नूपुररत्नकङ्कणधरी केयूरहारावली
जातीचम्पकवैजयंतिलहरी ग्रैवेयकैराजिता ।
वीणावेणुविनोदमण्डितकरा वीरासने संस्थिता
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ३॥
अम्बा रौद्रिणि भद्रकालि बगला ज्वालामुखी वैष्णवी
ब्रह्माणी त्रिपुरान्तकी सुरनुता देदीप्यमानोज्वला ।
चामुण्डा श्रितरक्षपोषजननी दाक्षायणी वल्लवी
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ४॥
अम्बा शूलधनुः कुशाङ्कुशधरी अर्धेन्दुबिम्बाधरी
वाराहीमधुकैटभप्रशमनी वाणी रमासेविता ।
मल्लाद्यासुरमूकदैत्यमथनी माहेश्वरी चाम्बिका
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ५॥
अम्बा सृष्टिविनाशपालनकरी आर्या विसंशोभिता
गायत्री प्रणवाक्षरामृतरसः पूर्णानुसंधी कृता ।
ओङ्कारी विनतासुतार्चितपदा उद्दण्ड दैत्यापहा
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ६॥
अम्बा शाश्वत आगमादिविनुता आर्या महादेवता
या ब्रह्मादिपिपीलिकान्तजननी या वै जगन्मोहिनी ।
या पञ्चप्रणवादिरेफजननी या चित्कला मालिनी
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ७॥
अम्बापालितभक्तराजदनिशं अम्बाष्टकं यः पठेत्
अम्बालोलकटाक्षवीक्ष ललितं चैश्वर्यमव्याहतम् ।
अम्बा पावनमन्त्रराजपठनादन्ते च मोक्षप्रदा
चिद्रूपी परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ८॥
छन्दःपादयुगा निरूक्तासुनखा शिक्षासुजङ्घायुगा
ऋग्वेदोरूयुगा यजुर सुजधनां या सामवेदोदरा ।
तर्कावित्तिकुचा श्रुति स्मृतिकरा काव्यरविन्दानना
वेदान्तामृत लोचना भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ९॥
अम्बा शाङ्करी भारद्वाजगमनी आर्या भवानीश्वरी
या अम्बा महिषासुरप्रमथिनी वाक्चातुरी सुन्दरी ।
दुर्गाख्या कमला निशुम्भ दमनी दुर्भाग्य विच्छेदिनी
चिद्रुपा परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ १०॥
अम्बा श्यामल एकदन्तजननी अत्युन्नतिकारिणी
कल्याणी व्रजराजपुत्रजननी कामप्रदा चन्द्रिका ।
पद्माक्षी त्रिदशेश्वरी सुरनता देदिप्यमानोज्वला
चिद्रुपा परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ ११॥
या देवी शिवकेशवादि जननी या वै जगद्रुपिणी
या ब्रह्मादिपि पीलीकान्त जगता मानन्दसन्दायिनी ।
या वै च प्रणवद् विरेफजननी या चित्कलामालिनी
सा माया परदेवता भगवती श्रीराजराजेश्वरी ॥ १२॥
॥ इति भक्तराजविरचितं श्री राजराजेश्वर्यष्टकं सम्पूर्णम् ॥