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Pratah Smaran Sloka in Hindi – प्रातः स्मरण श्लोकम्

Pratah Smaran Sloka in Hindi – प्रातः स्मरण श्लोकम् 

कराग्रे वसते लक्ष्मीः कर मध्ये सरस्वती ।
कर मूले स्थिता गौरी प्रभाते कर दर्शनम् ॥
समुद्र वसने देवि पर्वत स्तनमण्डले ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ॥

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