Guru Gorakhnath Ki Aarti is a devotional song for worshipping Sri Guru Gorakhnath, who is considered by many as an avatar of Lord Shiva and worshipped both as a guru and also a deity. Get Sri Guru Gorakhnath Ki Aarti Lyrics Pdf in Hindi here and chant it for the grace of Baba Gorakhnath Maharaj Ji.
Guru Gorakhnath Ki Aarti – गुरु गोरखनाथ की आरती
जय गोरख देवा जय गोरख देवा ॥
कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा ॥ २ ॥
शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे ॥
कानन कुंडल झलकत निरखत मन मोहे ॥ २ ॥
गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी ॥
आदि पुरुष योगीश्वर संतन हितकारी ॥ ३ ॥
नाथ नरंजन आप ही घट घट के वासी ॥
करत कृपा निज जन पर मेटत यम फांसी ॥ ४ ॥
रिद्धी सिद्धि चरणों में लोटत माया है दासी ॥
आप अलख अवधूता उतराखंड वासी ॥ ५ ॥
अगम अगोचर अकथ अरुपी सबसे हो न्यारे ॥
योगीजन के आप ही सदा हो रखवारे ॥ ६ ॥
ब्रह्मा विष्णु तुम्हारा निशदिन गुण गावे ॥
नारद शारद सुर मिल चरनन चित लावे ॥ ७ ॥
चारो युग में आप विराजत योगी तन धारी ॥
सतयुग द्वापर त्रेता कलयुग भय टारी ॥ ८ ॥
गुरु गोरख नाथ की आरती निशदिन जो गावे ॥
विनवित बाल त्रिलोकी मुक्ति फल पावे ॥ ९ ॥
इति श्री गुरु गोरखनाथ की आरती ||